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Rahul Gandhi: भगवान शिव और अभय मुद्रा का मजाक उड़ाया, ​माफी मांगने के बजाय खुद को सही ठहराया

Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 1 जुलाई को संसद सत्र के दौरान अपने बयान से हिंदू समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपने संबोधन में राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक बताया और भगवान शिव की अभय मुद्रा का मजाक उड़ाया।

 

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Rahul Gandhi: भगवान शिव और अभय मुद्रा का मजाक

Rahul Gandhi ने अपने भाषण में भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए कहा, “ये देश अहिंसा का देश है, डर का देश नहीं है। हमारे सारे महापुरुषों ने अहिंसा की बात की, डर मिटाने की बात की– डरो मत, डराओ मत। शिवजी भी यही कहते हैं, अभयमुद्रा दिखाते हैं। अहिंसा की बात करते हैं। त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। और जो लोग खुद को हिन्दू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत, असत्य-असत्य-असत्य करते हैं।”

भाजपा सांसदों का विरोध

Rahul Gandhi के इस बयान के बाद लोकसभा में भाजपा सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा, “पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय है।” गृहमंत्री अमित शाह ने भी राहुल गांधी को हिंदुओं का अपमान करने के लिए माफी मांगने की मांग की।

Rahul Gandhi की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने अपने बयान पर कायम रहते हुए, प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी और आरएसएस को नफरत फैलाने वाला और हिंसक बताया। उन्होंने कहा कि हिंदू कभी डर और नफरत नहीं फैला सकते, लेकिन बीजेपी दिन-रात डर और नफरत फैलाती है। इसके अलावा, राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें फटकार लगाई और कहा कि उनका माइक कभी बंद नहीं किया गया।

भारतीय दंड संहिता की धारा 295A

भारतीय दंड संहिता की धारा 295A के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने या इससे संबंधित बयान देने पर सजा का प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को दो से तीन साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी पर उनके इस बयान के लिए क्या कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

राहुल गांधी का यह विवादित बयान हिंदू समाज के प्रति उनके दृष्टिकोण को उजागर करता है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या Rahul Gandhi सिर्फ वोट बैंक के लिए हिंदुओं का इस्तेमाल करते हैं? चुनाव के दौरान मंदिरों में जाकर हिंदुओं का दिल जीतने की कोशिश करते हैं, लेकिन असल में उनके प्रति घृणा रखते हैं। राहुल गांधी का यह बयान न केवल राजनीतिक विवाद पैदा कर रहा है बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचा रहा है।

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