Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्र आज से शुरू हो रहा है और यह समय मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा के लिए बेहद खास होता है। गुप्त नवरात्र, जो साल में दो बार माघ और आषाढ़ महीने में मनाया जाता है, तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि आप मां जगदम्बा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो आपको विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए और सात्विकता का पालन करना चाहिए। आइए, इस पवित्र पर्व से जुड़ी प्रमुख बातों को जानें।
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Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्र की संपूर्ण पूजा विधि
- सुबह का संकल्प: पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- घर की सफाई: पूजा कक्ष और घर को अच्छी तरह से साफ करें।
- देवी की स्थापना: पूजा वेदी पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और उनका अभिषेक करें।
- श्रृंगार और अर्पण: लाल चुनरी और 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें, कुमकुम का तिलक लगाएं।
- दीप प्रज्वलन: देसी घी का दीपक जलाएं और मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बोएं।
- अखंड ज्योति: मां दुर्गा के समक्ष अखंड ज्योति जलाएं और गुड़हल के फूलों की माला चढ़ाएं।
- भोग: पूरी, बतासा, चना, हलवा, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ: दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और आरती से पूजा का समापन करें।
- क्षमायाचना: पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए मां दुर्गा से क्षमा याचना करें।
Gupt Navratri 2024 घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ गुप्त नवरात्र के दौरान घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 6 जुलाई सुबह 05:11 से 07:26 तक है। इस समय के दौरान कलश की स्थापना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मां दुर्गा के मंत्र : Gupt Navratri 2024
- मंत्र 1:ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
- मंत्र 2: या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
आषाढ़ गुप्त नवरात्र के दौरान सात्विकता का पालन: Gupt Navratri 2024
गुप्त नवरात्र के दौरान भक्तों को सात्विकता का पालन करना चाहिए। नौ दिनों तक कठिन उपवास रखें और मां दुर्गा की आराधना में लीन रहें। इस पवित्र समय में तंत्र विद्या का अभ्यास भी किया जाता है, जो आत्मशुद्धि और मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने का एक विशेष तरीका है।
गुप्त नवरात्र की महत्वपूर्ण बातें
- भोग: मां दुर्गा को पूरी, चना, हलवा, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- प्रिय रंग: मां दुर्गा का प्रिय रंग लाल होता है, इसलिए पूजा में लाल वस्त्र पहनें और लाल रंग की चीजों का अधिक प्रयोग करें।
- प्रिय फूल: मां दुर्गा को गुड़हल के फूल अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए पूजा में गुड़हल के फूल अवश्य चढ़ाएं।
निष्कर्ष
आषाढ़ गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की विधि अनुसार पूजा करना और सात्विकता का पालन करना भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इस पवित्र समय में मां दुर्गा की आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस नवरात्रि पर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सभी विधि-विधान का पालन करें और पूरे मन से उनकी भक्ति करें।
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